कोरबा 5 मार्च 2018। विधवा प्रेम बाई के छै छोटे-छोटे लइका रहिन कि एक दिन पति के अचानक मौत हो गीस। अचानक पति के मौत ले प्रेम बाई के सुखी अउ शांतिपूर्ण जीवन संघर्ष अऊ चुनौती म बदल गीस। ओखर पास कोनो अइसन कीमती पैतृक संपत्ति घलोक नइ रहिस कि वो ओला बेचके अच्छा से जीवन यापन कर सकय। कोनो तरीका ले मिहनत मजदूरी करके वो अपन लइका मन के पेट पालत रहिस। गांव म एक छोटकुन मकान रहिस वोहू घलोक माटी के। कच्चा मकान म रहत ओला बारिश के दिन म परेशानी उठाए ल पड़त रहिस। वो घलोक चाहत रहिस कि गांव म पक्का मकान बना ले, मगर गरीबी ले जूझत प्रेम बाई बर ये संभव नइ रहिस, काबर कि ओला तो अपन छोटे छोटे लइका मन के परवरिश करना रहिस। कई साल गुजर गे। हर बारिश के मौसम म वृद्धा प्रेम बाई ल बस परेशानी के सामना करना पड़त रहिस। समय के संग लइका मन घलोक बड़े हो गइन अऊ घर घलोक छोटकुन लाने लगिस। अइसन म ओखर इच्छा रहिस कि एक दो कमरा अऊ बन जातिस त ओखर छोटे से घर म सबके रहे बर जघा बन जातिस। लंबा समय बीत गीस। गरीबी ले जूझत प्रेम बाई पक्का घर तो दूरिहा एक माट्टी के मकान घलोक नइ बना सकिस। जइसन तइसन चार बेटा मन के संग वो जुन्ना मकान म रहती रहिस। एक दिन ओला पता चलिस कि ओखर नाम प्रधानमंत्री गृह योजना म हे तो ओला कुछ समझ नइ आइस। गांव के सरपंच अउ गृह मित्र ले जब पता चलिस कि ओखरो पक्का मकान बनही। अउ एखर बर ओला अक्को रूपया नइ देहे ल परय त प्रेम बाई बहुत खुश होइस। अब प्रधानमंत्री ग्रामीण गृह योजना ले ओखर पक्का मकान बनके तइयार हो गए हे। अइसन म स्थायी मूड़ लुकाए के ठिकाना मिले के खुशी के संग जुन्ना घर म रहे के आवत समस्या घलोक दूर हो गए हे।
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पाली विकासखंड के ग्राम पंचायत राहा के बस्ती म रहइया सियनहिन प्रेम बाई उम्मर करीबन 75 साल ह बताइस कि गांव म अड़बड़ बछर ले वो ह कच्चा मकान म रहत रहिस। पति हमेश्वर सिंह के मौत होए के पाछू कच्चा घर अऊ जर्जर होए लगिस। पानी के के दिन म छाधी चूहे ले अड़बड़ परेशानी उठाए ल परत रहिस। ओ हर बताइस कि लइका मन जब बहुत छोटे छोटे रहिन तभे ओखर पति के मौत हो गए रहिस। तब ओखर आघू जीवनयापन के चुनौती रहिस। चार बेटा अऊ दू बेटी मन के पालन पोषण करना परता रहिस। जब लइका छोटे रहिन तब तक जुन्ना घर म रहिना थोकुन बन जात रहिस। फेर जइसे-जइसे लइका मन बड़े होत गगइन अऊ सबके बिहाव होत गइस त घर छोटे लगे लगिस अऊ नवा कुरिया के जरूरत महसूस होए लगिस। प्रेम बाई ह बताइस कि ओखर जुन्ना घर घलोक बहुत जर्जर हो गए रहिस। हर साल बारिश ले पहिली खपरा लहुटाए के बाद घलोक कोनो न कोनो जघा ले पानी घर म चूहयच। प्रधानमंत्री गृह योजना म नाम आए के पाछू जब पक्का मकान बनके पूरा तइयार होइस त ओला बड़ राहत मिलीस। प्रेम बाई ह बताइस कि गांवेच म पक्का मकान बने ले वो अड़बड़ सम्मान महसूस करत हे। ओखर इच्छा रहिस कि अपन जुन्ना घर के तीर तखार म ओखर कोनो अलग से कमरा होवय। प्रधानमंत्री गृह योजना के माध्यम ले ओखर इच्छा पूरा हो गीस। प्रेमबाई ह प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी ल प्रधानमंत्री गृह योजना ग्रामीण अंतर्गत पक्का घर देहे म आभार व्यक्त करत कहिन कि अब वो अपन जिममेदारी ल पूरा कर सकही अऊ लइका मन ल बड़े करके उंखर घर बसा देहे हें। अब उम्मर के आखिरी पड़ाव हे जऊन प्रधानमंत्री गृह म चैन ले काटही।
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