- सतरेंगा में शुरू हुआ फूड जोन, राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने किया शुभारंभ
- पॉंच महिला स्व सहायता समूहों के लजी़ज व्यंजनों का स्वाद मिलेगा पर्यटकों को
- राजस्व मंत्री ने कलेक्टर श्रीमती कौशल के साथ विकास कार्यों का किया निरीक्षण, जल्द काम पूरा करने के दिये निर्देश
सतरेंगा मोड़ से टिकिट घर तक हुआ सड़क का डामरीकरण, रिसॉर्ट और हेलीपेड तक पहुॅंचने बनी सीमेंट कॉंक्रीट रोडः- राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के साथ सतरेंगा में चल रहे विकास कार्यों का अवलोकन-निरीक्षण भी किया। श्री अग्रवाल ने कामांे को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिये। राजस्व मंत्री ने सतरेंगा मोड़ से टिकिट घर तक सड़क के डामरीकरण पर प्रसंन्नता जताई और उन्होंने रिसॉर्ट तथा हेलीपेड तक पहुॅंचने के लिये बन रही सीमेंट कांक्रीट रोड पर पैदल चलकर उसका निरीक्षण किया। श्री अग्रवाल निर्माणाधीन हेलीपेड पर भी पहुॅंचे और हेलीपेड के लिये चयनित की गई जगह से सतरेंगा के अद्भुत जल सौंदर्य को निहारा। श्री अग्रवाल ने इस दौरान जिला प्रशासन के तेजी से किये जा रहे कार्यों की तारीफ करते हुये कहा कि सड़क बनने से लोग आसानी से सतरेंगा तक पहुॅंच सकेंगे और फूड जोन शुरू हो जाने से सतरेंगा आने वाले पर्यटकों को अब खाने-पीने के लिये परेशान नहीं होना पड़ेगा।
बन गई पानी पर तैरती सड़क, राजस्व मंत्री इसी सड़क से रेस्ट हाउस से रिसॉर्ट तक पहुॅंचे:- सतरेंगा में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार काम तेजी से किया जा रहा। आने वाले पर्यटकों को रूकने एवं खाने पीने के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में पैदल घूमकर प्राकृतिक नजारों का लुफ्त उठाने के लिये सतरेंगा में वर्तमान में स्थित संरचनाओं की मरम्मत के साथ-साथ परिसर में रास्ते आदि का काम तेजी से जारी है। सतरेंगा के फॉरेस्ट रेस्ट हाउस से नये बने रिसॉर्ट तक पहुॅंचने के लिये पानी पर जेटी लगाकर तैरती हुई सड़क बन रही है। आज राजस्व मंत्री अपने अन्य जन प्रतिनिधियों और अधिकारियांे के साथ इसी निर्माणाधीन जेटी के रास्ते से रेस्ट हाउस से रिसॉर्ट तक पहुॅंचे। उन्होंने इसे अद्भुत अनुभव बताया और अधिकारियों को इस सोच को साकार करने पर बधाई दी। प्लास्टिक के बड़े-बड़े रंग-बिरंगे चौकोर डिब्बों से बनी इस फ्लोटिंग जेटी की सड़क के दोनों ओर दो स्थानों पर सुरक्षा की दृष्टि से अतिरिक्त विस्तार दिया गया है। इसके साथ ही इसके दोनों ओर मछली पालन के लिये केज भी बनायी जा रही है। रेस्ट हाउस को रिसॉर्ट के गार्डन से जोड़ने वाली इस जेटी वाले रास्ते पर ही पानी में वाटर स्पोर्ट्स की सुविधायें विकसित करने की योजना जिला प्रशासन द्वारा बनायी गई है।
पॉंच प्रकार के पॉम, बारह प्रकार के गुलाबों सहित कई आकर्षक फूल-पौधों से सज रहा रिसॉर्ट परिसरः- सतरेंगा को मॉडर्न टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित करने के लिये रिसॉर्ट गार्डन में ऑडिटोरियम तक आकर्षक पार्क भी बनाया जा रहा है। लॉन ग्रास के साथ रंग-बिरंगे फूलों के पौधों का रोपण भी तेजी से हो रहा है। लगभग दस हजार पौधे इस गार्डन में लगाये जा रहे हैं। पॉंच प्रकार के पॉम बॉटल पॉम, फॉक्स टेल पॉम, पोनिकस पॉम, पेन्सिल पाईन, एरिका पॉम के साथ बारह से भी अधिक प्रकार के गुलाब इस गार्डन में रोपे जा चुके हैं। साईकस, साईप्रश, फाईकस पण्डा, फाईकस ब्लैक और रेड, विक्टोरिया, ड्रेसिना, ऑरेरिया, गोल्डेन बॉटल ब्रश, टीपू चाईना, वोगन बलिया जैसे पेड़ों के साथ डायन्थस, बर्बीना, टोरोनिया, जीनिया, डहेलिया, कनेर, अल्मण्डा, जर्वेरा, बिनका रोजा और मेरीगोल्ड की कई प्रजातियॉं इस फूलवारी में अपनी छटा बिखेरने के लिये अगले दस दिनों में तैयार होंगी। लाल, हरी और पीली हेंच से गॉर्डन की किनारियॉं सुशोभित होंगी। सतरेंगा डुबान क्षेत्र का पूरा नक्शा भी इस गार्डन में जमीन पर उकेरा जा रहा है, जहॉं पर्यटकों को जलराशि के बीच के द्वीपों सहित बांगों बांध और बुका जलविहार की भी जानकारी मिल सकेगी।
क्रूज पर बैठ जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों सहित राजस्व मंत्री ने किया सतरेंगा दर्शनः- राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने क्रूज पर बैठकर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ लगभग एक घण्टा सतरेंगा की अथाह जलराशि और द्वीपों पर फैली प्राकृतिक सौंदर्य का दर्शन किया। इस दौरान उन्होंने सतरेंगा के इन छोटे-बड़े द्वीपों के सौंदर्यीकरण और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये अधोसंरचना विकास पर चर्चा की।
छत्तीसगढ़ी संस्कृति और हस्तशिल्प का प्रतीक प्रवेश द्वार भी तेजी से ले रहा आकार:- सतरेंगा पर्यटन स्थल में प्रवेश के लिये पार्किंग स्थल के पास बांसों से आकर्षक प्रवेश द्वार तेजी से आकार ले रहा है। इस प्रवेश द्वार पर छत्तीसगढ़ी संस्कृति और हस्तशिल्प की छाप अभी से ही लोगों को आकर्षित करने लगी है। परिसर के आसपास के बड़े पेड़ों के नीचे की जगहें पर्यटकों के बैठने और अलग-अलग जगहों से सतरेंगा का प्राकृतिक सौन्दर्य निहारने के लिये विकसित की जा रही है। कुछ पेड़ों के आसपास चबुतरे बन चुके हैं, कुछ के आसपास चबूतरे बनाये जा रहे हैं। सतरेंगा में जलराशि के आसपास पेड़ो पर उनके स्थानीय तथा वानस्पतिक नाम भी लिखे जायेंगे। पेड़ों के विभिन्न भागों के अलग-अलग उपयोग और छत्तीसगढ़ी संस्कृति एवं सामाजिक ताने-बाने में उनकी उपयोगिता को भी अंकित किया जायेगा। जिससे आने वाले पर्यटकों को पेड़-पौधों के बारे में पूरी जानकारी मिल सके।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिये तैयार हो रहा ओपन-थियेटरः- सतरंेगा के परिसर में विशाल जलराशि के किनारे आकर्षक ओपन-थियेटर भी सज-संवर रहा है। राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने इस ओपन-थियेटर का काम जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। ओपन थियेटर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिये खुला मंच बनाया गया है जिसपर टाईल्स एवं सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। दर्शकों के लिये सामने की तरफ सीढ़ीनुमा बैठक व्यवस्था की जा रही है। इस ओपन-थियेटर पर सतरेंगा आने वाले पर्यटकों को छत्तीसगढ़ी लोकसंस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा। पर्यटक हर शाम यहॉं कैम्प-फायर के दौरान छत्तीसगढ़ी लोकनृत्यों, लोकगीतों का लुफ्त उठा सकेंगे। सतरेंगा के विशाल जलराशि पर वाटर-स्पोर्ट्स की सुविधा भी विकसित करने का काम तेजी से जारी है। पर्यटन मण्डल द्वारा इसके लिये जरूरी सामान और आवश्यक स्पीड बोट, जेटबोट आदि की व्यवस्था की जा रही है।
बन रहा सेल्फी प्वाइंट, हाई मास्क लाईटें लगाने का काम भी जारीः- राजस्व मंत्री ने सतरेंगा के रेस्ट हाउस के सामने बन रहे सेल्फी प्वाइंट का भी अवलोकन किया। सतरंेगा में अपार जलराशि के बीच स्थित द्वीपों के मनोहारी दश्य को ध्यान मंे रखते हुये पर्यटकों के लिये इस सुसज्जित सेल्फी प्वाइंट विकसित करने का काम तेजी से जारी है। इस सेल्फी प्वाइंट पर खड़े होकर पर्यटक सतरेंगा के प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ अपनी फोटो ले सकेंगे और सतरेंगा के अपने प्रवास की मीठी यादें अपने कैमरे में कैद कर सकेंगे। श्री अग्रवाल ने इस सेल्फी प्वाइंट पर सुरक्षा की दृष्टि से सभी जरूरी इंतजाम भी करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने प्रवेश द्वार के पास विकसित हो रहे पार्किंग स्थल का भी जायजा लिया। रात में सतरेंगा के प्राकृतिक सौन्दर्य को पर्यटकों के लिये आकर्षक और देखने योग्य बनाने के लिये तीन विभिन्न स्थानों पर हाई-मास्क लाईट लगाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है।