ग्रामीण महिलाएं आर्थिक रूप से सक्षम होने के साथ सामाजिक जीवन में बन रही काबिल National Rural Livelihood Mission

खपरी कला की श्रीमती नंदनी साहू अन्य महिलाओं के लिए बन गई प्रेरणा

राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन के अंतर्गत जिले में संचालित बिहान योजना से महिलाएं आर्थिक रूप से सक्षम होने के साथ सामाजिक जीवन में हिस्सा लेने के काबिल बन रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण गरीब महिलाओं के लिए आर्थिक रूप से सक्षम होने का माध्यम साबित हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं स्व सहायता समूह से जुड़कर स्वरोजगार प्राप्त करके परिवार की आमदनी बढ़ाने में सहायक हो रही है।
   
जिले के डोंगरगांव विकासखंड के खपरीकला निवासी श्रीमती नंदनी साहू ऐसी ही महिलाओं में शामिल है। जिन्होंने मां गायत्री स्व सहायता समूह से जुड़कर एनआरएलएम में प्रशिक्षण लेने के बाद स्वयं का व्यवसाय शुरू किया। इस व्यवसाय के जरिए अपने परिवार को आर्थिक रूप में मदद कर रही है। साथ ही गांव की स्व सहायता समूह से जुड़ी 14 महिलाओं को भी रोजगार दे रही है। स्व सहायता समूह से ऋण और किसान क्रेडिट कार्ड से लोन प्राप्त करके गांव में ही नंदनी गृह उद्योग की स्थापना कर परिवार के भविष्य को उवल बना रही है। वहीं गांव सामान्य घरेलू महिलाओं को अपने गृह उद्योग में जोड़कर उनकी आमदनी बढ़ाने में मदद कर रही है। श्रीमती साहू गांव की महिलाओं के लिए मार्गदर्शक बनने के साथ प्ररेणा के श्रोत भी बन गई है।

एक गृहणी से उद्यमी तक का सफर -
श्रीमती नंदनी साहू  वर्ष 2001 से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी है। यह समूह 2015 में एनआरएलएम में पुनर्गठित हुआ है। प्रारंभ में श्रीमती नंदनी साहू के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। परिवार में आय के साधन अत्यंत सीमित थे - पति की मजदूरी के साथ 5 एकड़ जमीन अवश्य थी किन्तु अक्सर अकाल की स्थिति की वजह से खेती से उत्पादन नहीं के बराबर होता था, जिससे परिवार का भरण-पोषण मुश्किल से हो पाता था। वर्ष 2015 में एनआरएलएम में जुड़ने के बाद आर्थिक रूप से स्वालंबी बनने के लिए एक नई राह मिली। प्रशिक्षण के माध्यम से क्षमता विकास एवं आत्मविश्वास में वृद्वि हुई व उद्यमी के रूप में उभरने की सोच उत्पन्न हुई मिशन के सहयोग से पूर्व से निष्क्रिय व्यवसाय में पंख लग गए। आज प्रति माह 10 हजार रूपए की शुद्ध आमदनी प्राप्त कर परिवार का पालन पोषण अच्छे से  कर रही है। खुद के प्रयासों से आज 14 अन्य महिलाओं को अपने इस लघु उद्योग में शामिल कर उन्हें भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही है।

प्रशिक्षण -  
श्रीमती नंदनी साहू ने वर्ष 2018 में एनआरएलएम अंतर्गत ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केन्द्र आरसेटी बरगा राजनांदगांव से साबुन, फिनाईल, हैण्डवॉश, मोमबŸाी, वाशिंग पावडर, शैम्पू, निल आदि बनाने का 6 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त किया। इससे 2 वर्ष पूर्व श्रीमती नंदनी साहू साबुन, निरमा का निर्माण एवं विक्रय बहुत छोटे स्तर पर किया करती थी, किन्तु प्रशिक्षण के पश्चात् इस व्यवसाय से जुड़ी समस्त जानकारी एवं मार्केटिंग के संबंध में आवश्यक जानकारी प्राप्त कर उनकी क्षमता वृद्धि के साथ उत्साहवर्धन हुआ।

सामग्री निर्माण-
प्रशिक्षण प्राप्त कर श्रीमती नंदनी साहू  द्वारा साबुन, फिनाईल, हैण्डवॉश, मोमबŸाी, वाशिंग पावडर, शैम्पू, हारपिक एवं नील आदि का निर्माण किया जा रहा है।

टीम वर्क-    
प्रारंभ में श्रीमती नंदनी साहू को अपने कार्य में केवल पति का ही सहयोग मिलता था। विगत एक वर्ष में स्व सहायता समूह की 14 महिलाएं उनके व्यवसाय में दैनिक मजदूरी पर कार्यरत हैं।

सरस मेला-
श्रीमती नंदनी साहू  द्वारा विगत 18 माह से एनआरएलएम के सहयोग से विभिन्न राज्यों में आयोजित क्षेत्रीय सरस मेला में राजनांदगांव जिले से प्रतिभागी के रूप में सम्मिलित होकर सामग्री विक्रय कर रही हैं। कपार्ट भारत सरकार द्वारा संचालित सरस आजीविका मेला नई दिल्ली, भिलाई एवं वर्तमान में राजस्थान जोधपुर में उनके उत्पादों को बेहतर प्रतिसाद मिला। सरस मेला में कुल 3 लाख 50 हजार रूपए की बिक्री कर चुकी हैं।

शैक्षणिक संस्थाओं एवं अन्य -
मिशन के मार्गदर्शन में स्कूल, कॉलेज, छात्रावास, आंगनबाड़ी केन्द्र, संकुल संगठन, क्षेत्रीय मेले एवं हाटबाजारों में भी श्रीमती नंदनी साहू अपने उत्पादों का विक्रय कड़ी मेहनत एवं लगन से कर रही हैं। उनके द्वारा दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के प्रशिक्षण केन्द्रों, स्कूलों तथा छात्रावासों में लगभग 2 हजार लीटर फिनाईल एवं 20 किलो ग्राम निरमा की सप्लाई की जा चुकी है।

आय -
श्रीमती नंदनी साहू प्रतिमाह लगभग 1 लाख रूपए की सामग्री बेच रही हैं। कच्चे माल, पैकिंग खर्च, परिवहन एवं मजदूरी इत्यादि पर हुए खर्चा काटने के बाद उन्हें हर माह लगभग 10 हजार रूपए की आमदनी विगत 6 माह से हो रही है। उन्हें वर्ष 2018 से आज पर्यन्त 2 लाख रूपए की आमदनी हो चुकी है।

भविष्य की कार्ययोजना -
श्रीमती नंदनी साहू जब से इस कार्य को कर रही है, तब से उनके आत्मविश्वास में वृद्धि एवं समाज में उनकी प्रतिष्ठा बढ़ी है। अपने कार्य के प्रति लगन एवं कड़ी मेहनत से वह अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं। उनका सपना अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाकर उसेे आत्मनिर्भर बनाना है। इन कार्यों में उनके द्वारा अपनी कमाई का एक हिस्सा व्यय किया जा रहा है। उनकी आय से प्रेरणा लेकर गांव की महिलाएं भी उनके साथ जुड़कर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रेरित हुई हैं।

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