मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल पहुंचे केराझरिया, लगाई चौपाल

ग्रामीणों की एक स्वर में मांग-हर गांव में बने आदर्श गौठान
गौठान में काम करने वालों के लिए शौचालय निर्माण की स्वीकृति
पैरादान की अपील, पटवारी के विरूद्ध जांच के निर्देश, 
बिजली की समस्या तत्काल ठीक करने के निर्देश

रायपुर, 04 जून 2019/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज कोरबा जिले के पाली विकासखंड के केराझरिया गांव पहुंचे और आदर्श गौठान का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने गौठान में चौपाल लगाई और ग्रामीणों से सीधी बात की। श्री बघेल ने ग्रामीणों को नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना के फायदे बताए और इस योजना से जुड़ने की अपील की। मुख्यमंत्री ने चौपाल में बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीणों से इस योजना का जब फीडबैक लिया तो सभी ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा-योजना बढ़िया है, हर गांव में ऐसे गौठान बनना चाहिए।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री टी.एस.सिंहदेव, राजस्व मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, विधायक कटघोरा श्री पुरूषोत्तम कंवर, विधायक पाली-तानाखार श्री मोहित केरकेट्टा, विधायक रामपुर श्री ननकीराम कंवर, पूर्व विधायक श्री बोधराम कंवर, मुख्य सचिव श्री सुनील कुजूर, अपर मुख्य सचिव श्री आर.पी.मंडल सहित कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, एसपी श्री जितेन्द्र सिंह मीणा और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन इस अवसर पर उपस्थित थे। 

नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी से होगी गांवों की आर्थिक मजबूती- चौपाल को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार ने छत्तीसगढ़ की परंपरागत नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी के विकास की जो योजना चलाई है उससे गांवों में आर्थिक समृद्धि आयेगी और ग्रामीणों की माली हालत सुधरेगी। 

पशुओं के लिए बनेंगे गौठानों के पास चारागाह पर पैरा-दान की भी मुख्यमंत्री की अपील- मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ग्रामीणों को बताया कि गौठानों के साथ लगी हुई जमीन पर लगभग 12 एकड़ रकबे में पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था की गई है। इस चराई भूमि पर नेपियर घास, मक्का, ज्वार जैसी चारे की फसलें लगाई गई हैं। श्री बघेल ने कहा कि फिर भी यह चारा गौठान में नियमित आने वाले मवेशियों के लिए पूरा नहीं पड़ पायेगा इसलिए सभी किसानों को फसल कटने के बाद अपनी जरूरत का पैरा बचाकर बाकी बचा पैरा गौठान में लाकर दान करना होगा ताकि मवेशियों को पर्याप्त मात्रा में भोजन की व्यवस्था हो सके।

सरगांव की सपना बैरागी के सुझाव पर सभी गौठानों में बनेंगे शौचालय- चौपाल में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने केराझरिया के गौठान में पशुओं के लिए की गई व्यवस्थाओं का घूमकर जायजा लिया। उन्होंने गौठान में बने कोटनों, शेड, पैरा मचान, सोलर पंप से पानी की व्यवस्था, पैराकुट्टी मशीन सहित चारागाह तक का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने चौपाल में कहा कि अंबिकापुर के सरगांव प्रवास के दौरान महिला श्रीमती सपना बैरागी ने गौठानों में काम करने वाले लोगों के लिए शौचालय की कमी की तरफ ध्यान आकृष्ट कराते हुए गौठानों में शौचालय बनाने का सुझाव दिया था। मुख्यमंत्री ने श्रीमती बैरागी के इस महत्वपूर्ण सुझाव को अपनी योजना में शामिल करते हुए गौठान में काम करने वाले महिलाओं और पुरूषों के लिए तत्काल शौचालय बनाने के निर्देश कलेक्टर को दिए।

गौठान में बनेगा गोबर गैस संयंत्र, ग्रामीणों को मिलेगा कनेक्शन- मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को चौपाल में बताया कि केराझरिया के गौठान में तीन सौ से अधिक मवेशियों का आशियाना होगा। इतने मवेशियों से जो गौमूत्र-गोबर निकलेगा उसके निष्पादन के लिए बड़ा गोबर गैस संयंत्र बनाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से कहा इस गोबर गैस संयंत्र से 50 से सौ घरों में गैस का कनेक्शन करके खाना बनाने में उसका उपयोग हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने इस गैस का उपयोग करने के लिए ग्रामीणों द्वारा बैठक कर सर्वमान्य दर भी निर्धारित करने की बात कही ताकि गौठान संचालित करने वाली समिति को गौठान के संचालन के लिए आर्थिक मदद मिल सके। श्री भूपेश बघेल ने गौठान में कम्पोस्ट और वर्मी कम्पोस्ट के रूप में जैविक खाद उत्पादन कर उसे बेचने से हुई आमदनी से भी गौठान संचालन की बात ग्रामीणों को बताई।

228 वनवासियों को मिले वन अधिकार पत्र, 150 किसानों को बाड़ी किट का भी वितरण- चौपाल में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने केराझरिया और आसपास के गांवों के 228 वनवासियों को वन अधिकार पत्र के माध्यम से काबिज भूमि का मालिकाना हक देने की भी घोषणा की। इसमें से 208 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र और 20 सामुदायिक वन अधिकार पत्र हितग्राहियों को मिले। व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रों में से भी अनुसूचित जनजाति के 102 हितग्राहियों को वन भूमि पर लंबे समय से काबिज होने के कारण काबिज भूमि का मालिकाना हक दिया गया जबकि 106 वन अधिकार पत्र गैर परंपरागत वनवासियों को दिये गये। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि पूर्व की सरकार ने बड़ी संख्या में वनभूमि पर काबिज हितग्राहियों के दावों को खारिज कर दिया था। परंतु उनकी सरकार ने आते ही ऐसे सभी दावों का पुनः परीक्षण कराना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 31 दिसंबर 2005 से पहले से लंबे समय से वन भूमि पर काबिज सभी आदिवासी एवं गैर आदिवासी वनवासियों को वन अधिकार मान्यता पत्र से जमीन का मालिकाना हक मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों को पहले वन अधिकार पत्र के माध्यम से वास्तविक काबिज जमीन की तुलना में कम रकबे का पट्टा मिला है, उनकी भी जांच कर उन्हें वास्तविक काबिज भूमि का पट्टा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्राम समितियों को वन अधिकार पट्टा देने के लिए अनुमोदन करने की शक्ति प्राप्त है। किसी का पट्टा निरस्त करने का अधिकार समिति को नहीं है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 150 किसानों को बाड़ियों में लगाने के लिए सब्जी बीज के मिनी किट भी वितरित किये। किसानों को बाड़ियों में लगाने के लिए बीजों के मिनीकिट में लौकी, करेला, भिंडी, कद्दू के बीज दिये गये हैं।

ग्रामीणों ने की पोंड़ी के पटवारी की शिकायत, मुख्यमंत्री ने दिए जांच के निर्देश- केराझरिया में लगी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की चौपाल में पोंड़ी के ग्रामीणों ने पटवारी की जमकर शिकायत की। नक्शा, खसरा, बी-वन देने, नामांतरण, बंटवारा करने, फौत उठाने और सीमांकन के लिए भी पटवारी द्वारा ग्रामीणों को बार-बार चक्कर लगवाने और पैसों की मांग करने की शिकायत ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के समक्ष की। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच कर पटवारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल को दिए। 

श्री बघेल को बार-बार बिजली गुल होने की समस्या भी बताई ग्रामीणों ने- चौपाल में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से बेझिझक सीधी बात की और अपने-अपने गांवों की समस्याओं को खुलकर बताया। ग्रामीणों ने केराझरिया और आसपास के गांवों में थोड़े से आंधी-तूफान में ही बिजली गुल होने की समस्या मुख्यमंत्री को बताई। जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल वितरण कंपनी के अधिकारियों को तलब कर बिजली गुल होने पर तुरंत ठीक करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने किया गौ पूजन- गौठान में पहुंचते ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने तिलक लगाकर गौ पूजन किया और गौ माता से छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में समृद्धि और खुशहाली की कामना की। श्री बघेल ने पूजन के बाद गौ माता को हरे चारे का भोग लगाया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने गौठान परिसर में वृक्षारोपण भी किया और चारागाह का अवलोकन भी किया।

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