Chhattisgarhi व्‍यंग्‍य


  • मसखरी : देवता मन के भुतहा चाल गोठ कई रंग के होथे, सोझ-सोझ गोठ, किस्सा कहानी, गोठ, हानापुर गोठ, बिस्कुटक भांजत गोठ, बेंग मारत गोठ, पटन्तर देत ...
  • बियंग ( संदर्भ – घेरी बेरी होवत किसान मन के मौत ) : बिसेला कोन देस ल अजादी मिले कुछेच बछर पाछू के बात आय । एक गांव म , एक किसान , उदुप ले ...
  • जन आन्दोलन के गरेर पापी दुस्ट आत्मा मन के नास करे बर, धरम के रक्षा करे खातिर बर बड़े-बड़े रिसी मुनि, गियानी-धियानी, बखत-बखत मा ...
  • व्यंग्य : नवा सड़क के नवा बात गरमी के दिन में बने नवा चमचमाती सड़क ह बरसात के पहिलीच पानी में हिरोइन के मेक-अप असन धोवागे अउ ...
  • बोनस के फर जबले बोनस नाव के पेड़ पिरथी म जनम धरे हे तबले, इंहा के मनखे मन, उहीच पेंड़ ला भगवान कस ...
  • जनता जनारदन अभी बिगत दिन चुनई के माउहौल रहीस बड़ जोर-सोर ले नेतामन उनकर कारकरतामन परबार के मनखेमन जीतोड़ परतयासीमन के परचार ...
  • व्यंग्य : ममा दाई के मुहुं म मोबाइल रात बेरा के बात आय। रइपुर ले जबलपुर बस म जावत रेहेंव। बारह बजे रहिस होही। बस म बइठे सबो ...
  • किसीम किसीम के साहित सेवा अउ भोभला बर चना चबेना संगी हो जय जोहार, में हाँ दू चार दिन पहिले ये बुलाग के सेवा ले हवं. एखर ले पहिले में हाँ ...
  • सबके अपन रंग पेड़ पौधा मन अपन रंग बदलथे लोग अपन सुवारथ बर खाये पीये के जीनिस ला रंगा के बेचत है। जीव ...
  • नौ हाथ लुगरा पहिरे तभो ले देंहे उघरा बिकास के चरचा चारों मुड़ा म होये । गांव गंवई के मनखे मन बिकास देखे बर ...
  • व्‍यंग्‍य : कब मरही रावन ? गांव म हरेक पइत, दसरहा बखत, नाटक लील्ला खेलथे। ये दारी के लील्ला, इसकूल के लइका मन करही। लइका मन ...
  • बेंदरा बिनास चार पहर रतिया पहाईस ताहने सूरुज नरायण ललाहूं अंजोर बगरावत निकलगे। ठाकुरदिया के नीम अउ कोसुम के टीप डंगाली म ...
  • मोबाईल मास्टरिन मास्‍टर क‍हे के मतलब, मास्‍टर माइंड नो हे, फेर आजकल तो कलजुगी इस्‍टाईल के गुरू हर, अपन ला चाल्‍स सोभराज ...
  • चलती के नाम गाड़ी, बिगड़ गे त… बहुत साल पहिली किसोर कुमार, असोक कुमार अउ अनूप कुमार तीनों भाई के एक ठन फिलिम आय रहिस हे- चलती ...
  • बियंग : बिहतरा बाजा अउ बजनिया बीच दुआरी म ठाढ़े बजनिया मन के बाजा के सुर लागे राहे। उंखर पोसाक ह देखेच के लाइक राहै। कोन्हों ...
  • बियंग : भइंस मन के संशो रेंगत-रेंगत कारी भइंस किहिस सिरतोन मं बहिनी हमर मन के जनम तो दुहायच बर होय हावे। न चारा न पानी, ...
  • उदेराम के सपना-2 (एखर पहिली के अंक में आपमन उदेराम के सपना के आधा (भाग एक) ल पढ़ेव। जेमा उदेराम ह अपना ...
  • चना के दार राजा, चना के दार रानी छत्तीसगढ़ी व्यंग्य चना के दार राजा, चना के दार रानी, चना के दार गोंदली कड़कत हे। टुरा हे परबुधिया, होटल म भजिया झड़कत हे। शेख हुसैन ...
  • छत्तीसगढ़ी व्यंग्य : नोट बंदी के महिमा 8 नवंबर के दिन भारत के एक एतिहासिक दिन हवय। ए दिन टीवी म रात के ...
  • आवव बियंग लिखन छत्‍तीसगढी भाखा म आजकल अडबड काम होवत हे, खंती खनाए खेत म घुरवा के सुघ्‍घर खातू पाये ले धान ले ...
  • आऊटसोरसिंग मंगलू अऊ बुधारू खुसी के मारे पगला गे रहय। लोगन ला बतावत रहय के, ...
  • व्‍यंग्‍य : नावा खोज डोकरी दई के छोटे बेटा ला परदेस मे रहत बड़ दिन होगे। चिट्ठी पतरी कमतियागे। बेटा ल बलाये खातिर, खाये, ...
  • छत्‍तीसगढ़ी व्‍यंग्‍य : सेल्फी कथा जब ले हमर देस म मुबाईल सुरू होय हे तब ले मनखे उही म रमे हे।पहिली जमाना म मुबाईल ल ...
  • दर्रा हनागे संझौती बेरा कोतवार हाका पारत रिहिस- नरवा मा नावा बने पुलिया हा तियार होगे हे, आज ले पांचवा दिन इतवार ...
  • अब बिहाव कथे, लगा के देख केहे जाथे कि जन्म बिबाह मरन गति सोई, जो विधि-लिखि तहां तस होई । जनम अउ मरन कब, कहां अउ ...
  • साल गिरहा मना लेतेन जोड़ी कुकरा बासे नी रिहिस हे। बड़ बिहनिया ले गोसईन हा सुत उठके घर दुवार ला लीप बहार के तियार होगे। ...
  • उदेराम के सपना ‘चुनाव के करजा ल छूटे बर बबा ह कभू-कभू खिसिया के काहय- ए टूरा ह हम्मन ल सड़क म ...
  • व्यंग्य : कुकुर के सन्मान कबरा कुकुर ला फूल माला पहिर के माथ म गुलाल के टीका लगाय अंटियावत रेंगत देखिस तब झबरा कुकुर ह ...
  • पथरा के मोल पथरा मन, जम्मो देस ले, उदुप ले नंदाये बर धर लीस। घर बनाये बर पथरा खोजत, बड़ हलाकान होवत रेहेंव। ...
  • व्यंग्य : बछरू के साध अउ गोल्लर के लात चरवाहा मन के मुखिया ह अतराप भर के चरवाहा मन के अर्जेन्ट मीटिंग लेवत समझावत रहय कि ऊप्पर ले आदेष ...
  • होली के रंग – राशिफल के संग हमर हिन्दू धर्म में पंचांग के बहुत महत्व हे।कोई भी काम करथन त पहिली पंचांग देखथन तब काम के शुरूआत ...
  • फेरीवाला हमर देस हा जबले अजाद होय हावय तेन बखत ले सबला अजादी मिलगे हावय। तेकरे सेती कोनो हा डर नाव ...
  • मोर लीलावती के लीला कहां बोचक के जाबे तें। डोंगरी-पहाड़, अलीन-गलीन, जिहां हाबे, तिहां ले खोज के निकालिहौं। सात तरिया में बांस डारूंगा। केकंरा ...
  • हमर छत्तीसगढ के होगे बिकास … ?? हमर भारत देस के अडबड बिकास होवत हे, संगें-संग हमर छत्तीसगढ राज बने ले ओखरो अडबड बिकास होवत हावय। कई ...
  • दसवा गिरहा दमांद जोतिस के जानकार मन ल नौ ले उपरहा गिनतीच नइ आवय। तेकर सेती जोतिस म नौ गिरहा माने गे हे। ...
  • भगवान मोला गरीब बना दे भक्त ह किहिस-”गरीब होय के अड़बड़ फायदा हे, गरीबी रेखा म नाम जुड़ जाय ताहने का कहना। दू रुपया किलो ...
  • आंजत-आंजत कानी होगे! ‘जिहां तक नाक के सोझ म देखे के बात हे त इहां के मनखे तो वइसे घलोक नाक के सोझ ...
  • पईसा म पहिचान हे  रामदास ह समय के संगे संग रेंगे के सलाह सब झन ल देवत रथे। ”जइसे के रंग, तइसे के संगत” ...
  • अडहा बईद परान घाती : पटवारी साहेब जब डाग्‍डर बनिस संगी हो जोहार लओ हमर पटवारी भईया हा जम्मो जमाना ला सुधारे के ठेका ले डारे हवय अपन परन के एकदम ...
  • व्यंग्य : छत मा जल सग्रंहण -वीरेन्द्र सरल एकेच दो साल पहिली बने नवा सरकारी भवन के छत उपर गर्मी भर मनमाने बोरझरी और बमरी कांटा ला ...
  • गरीब मुलुक के बड़हर नेता हमर देश भर नहीं भलुक पूरा दुनिया के एकेच हाल होगे हवय। हर देश ह अपन देश के कमजोरी ल ...
  • अस्पताल के गोठ जादा दिन के घटना नोहय।बस!पाख भर पाछू के बात आय।जेठौनी तिहार मनावत रेहेन।बरदिहा मन दोहा पारत गांव के किसान ल ...
  • भईसा गाड़ा के चलान संगवारी हो चलान सबद सुन के कतकोन मनखे मन के जीव हर कांपे लागथे। फेर वाह रे, आर.टी.ओ. ऑफिस (रोगहा ...
  • परतितहा मन पासत हे मानुख ल अपन मन के आस्था ल प्रकट करे बर कोनो से पुछे के जरूरत नइये। जइसन मन म आवथे ...
  • भइंसा चोरी के सीबीआई जांच जइसे लइका ल सेंके बर गोरसी के आंच जरूरी होथे, जइसे दरपन बनाय बर कांच जरूरी होथे, वइसने चोरी-डकइती, गडबड-घोटाला ...
  • कइसे झंडा फहरही ?   पनदरा अगस्त के पहिली दिन, सरपंच आके केहे लागीस ‌- डोकरी दई, ये बछर, हमर बड़का झंडा ल, तिहीं फहराबे या ...
  • मोबाइल के बड़े-बड़े गुन यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया के इंजीनियर प्रोफेसर के दिमाग म बात अइस। सोचीस, सहर-गांव सबो जगा मोबाइल के अड़बड़ चलन होगे ...
  • लव इन राशन दुकान पिक्चर देखइया मन मोला गारी देवत होहू के लव इन टोकियो, लव इन पेरिस- असन महूं हा लव इन रासन ...
  • नाचे नागिन रेडियो-रेडियो मैं ओ रेडियो वाला ल पूछेंव- कइसे जी ये रेडियो म का चलत हे अउ ऐला इहां काबर मड़ाय हस। तब ...
  • मनखे के भाव बड़ बिहनिया मुंदरहा ले बेर निकले के पहिली नागर ला खान मा धरे चौरसता ले आघू कोती अरहू कहिके हफरत ...
  • चुपरनहा साबुन येदे अहि नाहकिस हे तउने देवारी फर्रा के गोठ आए बड़ दिन म अपन गाँव गए रहेंव, जम्मे जुन्ना संगवारी ...
  • तीजा नई जावंव बड़े मौसी काबर नई आय हे ओ दाई। ओखर छोटे नोनी के नोनी-बाबू अवइया हे का? अउ छोटे मोसी ह ...
  • पारसद ल प्रार्थना पत्र विषय- गरीबी रेखा कारड बचाए बर। सेवा में, सिरीमान बोट-बटोरू पारसद जी! वार्ड-00 गरीब पालिका निगम झोलगापुर। प्रजापालक सादर सनम्र निवेदन हावै कि आपके आसीरवाद से ...
  • गनेस के पेट हमर गांव के लइका मन, गनेस पाख म, हरेक बछर गनेस बइठारे। गांवेच के कुम्हार करा, गनेस के मुरती बनवावय। ...
  • बियंग : बरतिया बाबू के ढमढम बिहाव के गोठ छोकरी खोजे ले चालू होथे अऊ ओखरो ले पहिली ले दुल्ही-दुल्हा दुनो घर वाला मन हा गहना-गुट्ठा ...
  • नकाब वाले मनखे अभीन के समे हॅ बड़ उटपटॉग किसम के समे हे। जेन मनखे ल देख तेन हॅ अपन आप ल उॅच ...
  • बड़े दाई होवत बिहनिया गांव सन्न होगे, बड़े दाई नई रहीस सुनके मोर माथा सुखागे। बड़े दाई के सांवर चेहरा, लटी बंधाये पोनी ...
  • लड़की खोजत भंदई टूट जाय गांव मन म पहिली मोटर गाड़ी, फटफटी नई रहिस। साइकिल घलो इक्का-दुक्का घर राहय। बिहाव के दिन आय त ये ...
  • अपन अपन रुख रुख रई जंगल के , बिनास देख , भगवान चिनतीत रिहीस । ओहा मनखे ...
  • जोड़ी! नवलखा हार बनवा दे ”मोर चेहरा के उदासी ह परोसी मेंर घलो नइ दोबईस। मोला अतक पन उदास कभू नई देखे रिहीस होही। परोसी ...
  • अप्रैल फूल के तिहार हमर देस मा तिहार मनाये के गजब सऊँख। सब्बो किसिम के तिहार ला हमन जुरमिलके मनाथन। तमाम जातपात, धरम-सम्प्रदाय के ...
  • फोकट के गियान झन दे सियान :पटवारी के गोठ-बात संगी हो जोहर लओ काली के गोठ ला आगे बढ़ावत हौं संगी हो, हमर पटवारी भैया के किस्सा नई सिराय हवे, ...
  • हाथी बुले गांव – गांव, जेखर हाथी तेखर नाव नाव कमाय के मन, नाव चलाय के संऊख अउ नाव छपाय के भूख सबो झन ल रथे । ये भूख ...
  • मन के बात इतवार के दिन बिहाने बेरा गांव पहुंचे रहय साहेब हा। गांव भर म हाँका परगे रहय के लीम चौरा म ...
  • व्‍यंग्‍य : गवंई गांव के रद्दा म बस के सफर बस के सफर में का मजा आथे तेला तो गवंई गांव के रद्दा में जेहा बस ...
  • अब के गुरुजी का बतावंव बेटा, मोरो टुरा हा तोरेच कक्छा या पढ़थे रे। फेर ओ हा पढ़ई-लिखई मा कक्छा म दूसरइया नंबर ...
  • बियंग: परगति बात तइहा तइहा के आये। मनखे अऊ कुकुर के बीच ताकतवार होये के परतियोगिता सुरू होइस। एक घांव कुकुर हा ...
  • मनखे अउ सांप हमर गांव के गली मएक झन सांप देखइया ह आइस.सांप देखौ सांपकहिके जोरदार हांका ल लगाइस.सांप वाले के आरो लघर ...
  • चुनाव के बेरा आवत हे अवईया बछर मा चुनाव होवईया हे, त राजनीतिक दाँव-पेच अउ चुनाव के जम्मों डहर गोठ-बात अभी ले चालू होगे हे। ...
  • मोला नेता बना देते भोले बाबा घर म दुए झिन महतारी बेटा राहय। बेटा के नांव तो रिहिस बोधराम फेर जादा अक्कल-बुद्धि नइ फइलात रिहिस। पढ़ई-लिखई ...
  • नेताजी ल भकाड़ूराम के चिट्ठी परम सकलकरमी नेता जी राम-राम अरे! मैं तो फोकटे-फोकट म आप मन ल राम-राम लिख पारेंव। आप मन तो राम ...
  • सवच्छ भारत अभियान गांव ला सवच्छ बनाये के सनकलप ले चुनई जीत गे रहय । फेर गांव ला सवच्छ कइसे बनाना हे तेकर ...
  • चलव चली ससुरार एच.एम.टी. के भात ल थोकिन छोड़ दीस अउ मुंह पोंछत उठगे। दुलरवा के नखरा देख के मैं दंग रहिगेंव। जेन ...
  • जुग जुग पियव भरे गरमी म , मंझनी मंझना के बेरा । जंगल म किंजरत किंजरत पियास के मारे मरत रहय भोलेनाथ । ...
  • मंदू जज सहेब हर बंधेज करे हे, हमला छै महीना बर कट्टो जुवाचित्ती, दारू-फारू, चोरी-चपाटी नई करना हे कहिके। छै महीना ...
  • कवयित्री के गुण / कवयित्री धोंधो बाई माईलोगिन मन के मुँह ह अबड़ खजुवाथे कहिथें। एकरे सेती जब देखबे तब वोमन बिन सोचे-समझे चटर-पटर करत रहिथें। हमरो ...
  • व्यंग्य : गिनती करोड़ के पान ठेला म घनश्याम बाबू ल जईसे बईठे देखिस ,परस धकर लकर साइकिल ल टेका के ओकर तीर म ...
  • टुरी देखइया सगा हमर गांव-देहात म लुवई-टोरई, मिंजई-कुटई के निपटे ले लोगन के खोड़रा कस मुंह ले मंगनी-बरनी, बर-बिहाव के गोठ ह चिरई ...
  • देसी के मजा आजकाल जेला देखबे तेला खाये-पीये के, उठे-बईठे के, कपड़ा-लपता फेसन सबो मा विदेसी जिनिस के जाला मा अरझत जात हें। ...
  • ढ़पोरशंख के किस्‍सा : भावना श्रीवास, तखतपुर एक झन बावहन अऊ बम्हनीन रहिस उमन अड़बड़ गरीब रहीन। एक दिन बम्हनीन ह बावहन ल कहिथे कि तुमन ...
  • कामवाली चमेली के पीरा झपटराम तसीलदार के दू बेटा हे, बड़े के नाव केकरा अउ छोटे के नाव मेकरा। केकरा पढ़े-लिखे म बहुते चतुरा ...
  • व्‍यंग्‍य : रोटी सेंकन मय चलेंव……… छत्तीसगढ़िया मन के आदत कहां जाही। बिगन भात बोजे पेट नी भरय। फेर कुछ समे ले मोर सुवारी ला को जनी ...
  • तुँहर जउँहर होवय : छत्तीसगढी हास्य-व्यंग संग्रह छत्तीसगढी सहज हास्य और प्रखर ब्‍यंग्य की भाषा है। काव्य मंचों पर मेरा एक एक पेटेंट डॉयलाग होता है, ‘मेरे साथ ...
  • मिसकाल के महिमा मोबाइल आए से लइका सियान सबो झन मुंहबाएं खडे रहिन हे। जब देखव, जेती देखव गोठियाते रहिथे। जब ले काल ...
  • कुकुर कटायन रामरमायन तिंहा कुकुर कटायन कहिथे। जिंहा सुभ काम के सुभारंभ होथे उँहे कुकुरमन के पहुँचना जरूरी होथे। कुकुर मन के ...
  • पईधे गाय कछारे जाए,पटवारी साहेब ला कोन समझाए. संगी हो जोहार लओ देखथवं मेहा आज कल समाज सेवा बड चालू होगे हवय, जहाँ देखबे उहां समाज सेवा,ये दे ...
  • नई उतरिस बिच्‍छी के झार पटवारी साहेब ला परगे मार जोहार लओ संगी हो हमर पटवारी भईया हा नवा-नवा उदिम लगावत रहिथे,थोकिन मा फेल घलोक हो जथे,ए बेरा ओ हा सोच ...
  • कईसन कब झटका लग जही….. काय करबो संगी जिनगी मा जीये बर हे ता खाये-पीये ला परही। करू-मीठ दूनों के सुवाद ला घलो ले बर ...
  • ररुहा सपनाये ……. सरग म बरम्हा जी के पांच बछर के कारकाल पुरा ...
  • एक चिट्ठी गनेस भगवान के नांव सिरीमान गउरीनंदन गजानन महराज, घोलंड के परनाम। लिखना समाचार मालुम हो के- बीत गे असाढ़, नइ आइस बाढ़। बीत गे सावन, पानी कहिस नइ ...
  • सुंदरी बन गे भंइसी मेंछरावत हे, संसो म ठेठवार के परान सुखावत हे हमर राम जी ठेठवार बइहाय हवे, बिहनिया ले तेंदुंसार के लौड़ी धर के किंजरत हे। मैं हां टेसन कोती जात ...
  • बियंग: रूपिया के पीरा पहिली घांव रूपिया ल रोवत देखिन लोगन। जंगल म आगी लगे जइसे खबर फइल गे। कतको झिन ल बिसवास नि ...
  • बाढ़ ले आये बढ़वार असाड़ बुलक गे सावनों निकलइया हे लपरहा बादर हा घुम घुम के भासन दे दे के रहि गे। बिजली घलो ...
  • आतंकवादी खड़ुवा पाकिस्तान मा चार झन आतंकवादी मन गोठियात रहंय। पहला- ‘अरे भोकवा गतर के। अभी हिन्दुस्तान म हमला करे बर अफगानिस्तान ...
  • आन के तान संगी हो! आजकाल मोला एक ठिक जबड़ भारी रोग हो गे हे। रोग का होय हे, मोर जीव के काल ...
  • व्यंग्य : सरकारी तिहार भारत देस तिहार अउ परब के देस हरे।अउ हमर छत्तीसगढ़ म तो बरमस्सी परब रथे।आनी-बानी के तिहार मनाथन हमन इंहा।पहिली ...
  • बियंग : पारसद ला फदल्लाराम के फोन जय हो छत्तीसगढ़ महतारी। हम गरीब मन ऊपर तोर अइसने छइंहा रहय दाई। हमर छत्तीसगढ़ के गरीब मन अइसे-वइसे नो ...
  • खतरनाक गेम सरकार हा, ब्लू व्हेल कस, खतरनाक गेम ले होवत मऊत के सेती, बड़ फिकर म बुड़े रहय। अइसन मऊत बर ...
  • व्‍यंग्‍य : रावन संग भेंट आज संझौती बेरा म दुरगा ठऊर म मिटिंग हावे किके कोतवाल हांका पारके चल दिस। जें खाके सब ला सकलाना ...
  • व्‍यंग्‍य : कलम दू झिन संगवारी रिहीन । अब्बड़ पढ़हे लिखे रिहीन । अलग अलग सहर म रहय फेर एके परकार के बूता ...
  • पोल खोल पोल खोल देबो के नारा जगा जगा बुलंद रहय फेर पोल खुलत नी रहय। गांव के निचट अड़हा मनखे मंगलू ...
  • अंगरेजी परेमी छत्तीसगढिया मन के घलव जय हो ! छत्तीसगढी़ राजभाखा बने के पाछू हमर जम्मे झिन सियान मन अपन-अपन डहर ले भरपूर उदिम करत हें, कि हमर ...
  • येदे पटवारी ला फेर मार परे हे काबर कि रावन नई जरे हे संगी हो जोहार लेहु, हमर पटवारी भईया के गोठ ला आघू बतावत हवं, पटवारी भईया ला समाज सेवा करे के बिमारी ...
  • यमराज ह पिकनिक मनाय जब धरती म आइस धरती में खास करके भारत में देवारी तिहार के तैयारी चलत रहिस। रंग रोगन फटाका झालर बलफ से दुकान मन ...
  • बम-निकलगे दम एक झन कहिस- का बताबे सिरतोन म बहुत बुरा हाल हे। जुन्ना रेलवे पुलिया अउ करमचारी मन के लापरवाही ले ...
  • नवा बैला के चिक्कन सिंग चल रे बैला टिंगे-टिंग : किरकेट के कहिनी पूरा संसार म भारतीय क्रिकेट के नाम इहां तक होगे के आस्ट्रेलिया टीम के कप्तान रिकी पोंटिंग के हे लगिस ...
  • मोर सुआरी परान पियारी ”संसार के सब दाई-ददा हा बहू, बेटा, नाती -नतरा के सुख भोगे के सपना देखथे। ओ मन रात -दिन इही ...
  • इही तो आजादी आय गनपत अउ धनपत दुनो झन रेडियो सुनत बइठे राहंय । रेडियो हर नीक-नीक देसभक्ति के गीत गावत राहय अउ बोलत ...
  • मोर पहिली हवाई यात्रा घूमें फिरे के सऊख कोन ल नी राहय? फेर मोर सऊख ल झन पूछ। फटफटी, मोटर, कार, रेलगाड़ी मोटरबोट ...
  • मेछा चालीसा मैं पीएचडी तो कर डारे हंव अब डी-लिट के तैयारी में हौं। मोर विषय रही ‘मेंछा के महिमा अऊ हमर ...
  • गदहा मन के मांग एक दिन गदहा मन के गांव म मंझनिहां बेरा हांका परिस- गुडी म बलाव ...
  • व्‍यंग्‍य : पनही गुरूजी के पनही, ओकर पहिचान आय। नानुक रिहीस तब ओकर ददा, जे पनही ल पहिने, उही ...
  • गोल्लर ल गरुवा सम्मान जबले अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ल शांति के नोबल पुरस्कार मिले हे, तबले जम्मो किसम के मान-सम्मान अउ पुरस्कार ...
  • कुरसी नी पुरत हे का जमाना आगे हे भगवान, तुही मन बताव काय करना चाही। जमाना कतका आघु बढ़त हे। तेनहा काकरो ले लुकाय ...
  • चित्रगुप्‍त हा पेसी के पईसा खावत हे, यम के भंइसा अब ब्‍लाग बनावत हे. जमराज हा चित्रा गुप्त ला रात के चेता के सुतिस के मोर भैंसा ला बने खवा पिया के सुग्घर मांज ...
  • 18 मई बट सावितरी पूजा विसेस : सत्यवान के खोज (बियंग) नगर म हलाकान परेसान माईलोगिन के दुख नारद ले नी देखे गिस । जिनगी म सुख भोगे के रद्दा बतावत ...
  • सरग म गदर बिसनू लछमी के सादी के सालगिरह रहय।उन दोनो सरग म बइठे बिचार मगन रहिस हे। बिग्यान के परगति कहव के, ...
  • नेता मन के जनमदिन के पोस्टर हा साल भर पूरा राईपुर शहर मा चटके रथे धान कस टुकुर-टुकुर देखत खड़े रहेव बियंग संजीव खुदशाह जब ले मै राईपुर आये रहेउं, नेतामन के जनमदिन के पोस्टर ...
  • गरीबनवाज ला गरीब के पाती हे अमीर मन के आनन्ददाता भगवान लाख-लाख पैलगी आसा हे के तुमन क्षीरसागर मा बने मंजा के सुते होहू अउ लछमी माता ...
  • बियंग : रचना आमंतरित हे ए खभर ल सुनके कतको अनदेखना इरखाहा मन के छाती फटइया हे। हमन बड़ गरब गुमान से सूचित करत हावन ...
  • झन-झपा ओ दिन मैं हा अपन जम्मो देवता-धामी मन ला सुमरत-सुमरत, कांपत-कुपांत फटफटी ला चलात जात रहेंव। कइसे नई कांपिहौं? आजकाल ...
  • बियंग: अच्छे दिन हे भगवान , मोर जिनगी म अच्छा दिन कब आही । कोन्हो मोला , पूछे – गऊंछे काबर निही ? ...
  • अब मंतरी मन बर रेड सिग्नल … लाल बत्ती खतरा हे ! रेड सिग्नल वइसे खतरा के निसान माने जाथे। फेर इही खतरा के निसान कोन जनि कब ...

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