योजना मन ल दिल ले बनाए जाए, त जादा प्रभावी होही:डॉ. रमन सिंह


  • मुख्यमंत्री ह सतत विकास लक्ष्य मन उपर केन्द्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र ल संबोधित करिन
  • सतत् विकास लक्ष्य अऊ प्रशासनिक सुधार मन म ‘नया रायपुर घोषणा पत्र’ ल दे गीस आखरी रूप 
  • सतत विकास लक्ष्य मन ल पाए बर फोकस एप्रोच अपनाए
  • मानव संसाधन अऊ प्रशासनिक अधिकारी मन के क्षमता विकास
  • ग्रामीण अऊ शहरी निकाय मन ल जादा साधन वाले बनाए
  • नागरिक सेवा मन म तकनीकी के बेहतर उपयोग के महत्वपूर्ण सुझाव 

रायपुर, 04 अगस्त 2017। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ह कहिन हें कि योजना मन ल दिल ले बनाए जाए, त ओ जादा प्रभावी अऊ अच्छा परिणाम देवइया साबित होही। उमन कहिन कि वनवासी मन के पीढ़ी मन बर जंगल मन ल बचाए के अऊ छोटे वनोपज मन ले जंगल मन ल समृद्ध करे के जरूरत हे। उमन कहिन कि जंगल मन के तीर रहइया वनवासी मन के आजीविका बहुत कुछ जंगल मन उपर ही निर्भर हे। मुख्यमंत्री आज नवा रायपुर स्थित योजना भवन म सतत विकास लक्ष्य अऊ प्रशासनिक सुधार मन उपर केन्द्रित दू दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र ल सम्बोधित करत रहिन। ए संगोष्ठी के आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग, छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सुधार आयोग अऊ नेशनल फाउंडेशन ऑफ इंडिया कोति ले करे गीस। 
मुख्यमंत्री ह संगोष्ठी म कहिन कि राजधानी रायपुर, भिलाई अऊ दुर्ग ल देखके छत्तीसगढ़ के विकास ल नइ समझे जा सकय। जब बस्तर अऊ सरगुजा के आखरी मनखे के जीवन म सकारात्मक बदलाव आही, तभे सही म सतत विकास लक्ष्य ल हासिल करे जा सकही। राज्य शासन कोति ले घलोक आखरी मनखे के जीवन म बेहतर बदलाव लाय बर योजना मन के क्रियान्वयन करे जात हे। उमन कहिन कि जब प्रशासनिक अधिकारी समाज, गरीब अऊ पिछड़े मनखे मन बर संवेदनशीलता के संग काम करहीं, त विकास अऊ कल्याणकारी योजना मन के बेहतर परिणाम मिलही। मुख्यमंत्री ह नवा राज्य छत्तीसगढ़ के गठन के समय के चुनौती मन के सुरता करत कहिन कि दूरिहा गांव म सुघ्‍घर बदलाव बर राज्य सरकार ह कई ठन क्षेत्र मन म नवा परयोग करे हे। नक्सल प्रभावित क्षेत्र मन म शिक्षा के क्षेत्र म पोटा केबिन स्कूल मन के शुरूआत करे गए हे। काबर कि इहां नक्सलवादी मन ह सैकड़ों स्कूल मन ल नष्ट कर दे रहिन हें। शिक्षक ए क्षेत्र मन के स्कूल मन म जाना नइ चाहत रहिन। बस्तर के 70 पोटा केबिन मन म हजारों लइका मन के शिक्षा के व्यवस्था करे गए हे। 
मुख्यमंत्री ह कहिन कि दंतेवाड़ा म एजुकेशन हब के शुरूआत करे गीस, जिहां करीबन छै हजार लइका आवासीय विद्यालय म रहिके शिक्षा ग्रहण करत हे। नक्सल प्रभावित क्षेत्र मन के लइका मन बर प्रयास विद्यालय के माध्यम ले प्रतियोगी परीक्षा मन के कोचिंग के व्यवस्था करे गए हे, जेखर परिणाम स्वरूप सैकड़ों लइका आज इंजीनियरिंग, डॉक्टरी अऊ आईआईटी जइसे उच्‍च शैक्षणिक संस्थान मन म शिक्षा ग्रहण करत हें। उमन प्रदेश के नक्सली चुनौती के उल्लेख करत कहिन कि आवइया समय म छत्तीसगढ़ अऊ छत्तीसगढ़ के नवा पीढ़ीच ह नक्सल समस्या के समाधान खोजही। उमन कहिन कि राज्य सरकार के उदीम ले आज दंतेवाड़ा अऊ बीजापुर म बड़ संख्या म डॉक्टर अऊ पैरा मेडिकल स्टॉफ अपन सेवा देवत हें। राज्य सरकार कोति ले दूरस्थ अंचल मन म सड़क, रेल अऊ एयर के बेहतर कनेक्टिविटी दे के सतत प्रयास करे जात हे। अवइया एक साल म प्रदेश के सबो गांव मन अऊ मजरा-टोला मन म बिजली पहुंचा देहे जाही। मुख्यमंत्री ह प्रदेश म धान के उत्पादन, उपार्जन अऊ वितरण के पुख्ता व्यवस्था के उल्लेख करत कहिन कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम ले प्रदेश के साठ लाख परिवार तक बिना लीकेज के हर महिना खाद्यान्न पहुंचाए जात हे। राज्य सरकार किसान मन ले समर्थन मूल्य म ग्यारह हजार करोड़ रुपए मूल्य के धान उपार्जित करथे। छोटे वनोपज मन के समर्थन मूल्य म खरीदी बर घलोक राज्य सरकार कोति ले व्यवस्था करे गए हे। 
मुख्यमंत्री ह कहिन कि छोटे वनोपज मन ले जंगल मन ल समृद्ध करे बर चार, चिरौंजी, महुलाईन पत्ता अऊ तेंदूपत्ता के पौधा ट्श्यिू कल्चर के माध्यम ले बड़ संख्या म तैयार करके ए मन ल जंगल मन म रोपे के जरूरत हे। उमन साल पेंड के साल बोरर कीट ले रक्षा बर अनुसंधान काम के जरुरत घलोक बताइन। उमन कहिन कि आज छत्तीसगढ़ म प्रति मनखे आय म उल्लेखनीय वृद्धि हो गए हे, प्रति मनखे बिजली के खपत प्रदेश म 1760 यूनिट हे, जऊन पंजाब अऊ हरियाणा जइसे विकसित राज्य मन ले जादा हे। उमन ए संगोष्ठी म सामिल होए विद्वान मन के छत्तीसगढ़ म स्वागत करिन। छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सुधार आयोग के अध्यक्ष श्री एस.के. मिश्रा ह कहिन कि राष्ट्रीय संगोष्ठी म कई ठन विषय मन म सार्थक चर्चा करे गइस। राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुनिल कुमार ह राष्ट्रीय संगोष्ठी के बेरा म करे विचार-विमर्श उपर प्रकाश डालिन। उमन कहिन कि विद्वान मन ह संगोष्ठी म छत्तीसगढ़ के विशेषता अऊ चुनौती मन ल ध्यान म रखत सतत विकास लक्ष्य मन के प्राप्ति अऊ प्रशासनिक सुधार मन के संबंध म बहुत अकन महत्वपूर्ण सुझाव दिए हें। उमन राष्ट्रीय संगोष्ठी म तइयार ‘नया रायपुर घोषणा पत्र’ के प्रमुख सुझाव मन के बारे म जानकारी दीन। उमन बताइन कि ए घोषणा पत्र म सतत् विकास लक्ष्य मन के प्राप्ति बर फोकस एप्रोच अपनाए, मानव संसाधन अऊ प्रशासनिक अधिकारी मन के क्षमता विकास, विकास म सामुदायिक भागीदारी ल बढ़ावा देना, ग्रामीण अऊ शहरी निकाय मन ल साधन वाला बनाए, नागरिक सेवा मन म तकनीकी के बेहतर उपयोग अऊ सोशल आडिट म युवा मन ल घलोक सम्मिलित करे के सुझाव देहे हें।
मुख्यमंत्री ह ए अवसर म राज्य योजना आयोग कोति ले ‘लक्ष्य हमर सतत विकास’ सीरसक ले तैयार आडियो-वीडियो, सीडी अऊ ‘सतत विकास लक्ष्यः छत्तीसगढ़’ लर्निंग मटेरियल के विमोचन घलोक करिन। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (भारत) के सलाहकार डॉ. एन.सी. सक्सेना, नीति फाउंडेशन नवा दिल्ली के डॉ. सूरज कुमार ह घलोक ए अवसर म अपन विचार प्रकट करिन। ए अवसर म नेशनल फाउंडेशन आर इंडिया नई दिल्ली के कार्यकारी निदेशक श्री अमिताभ बेहार, सेन्टर फार गुड गवर्नेंस हैदराबाद के सलाहकार डॉ. पी.के. मोहंती, टी.आई.एस.एस. मुम्बई के डॉ. (सुश्री) के. सीताप्रभु, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान नई दिल्ली के प्राध्यापक सुश्री सुषमा यादव, पूर्व मुख्य केन्द्रीय सूचना आयुक्त श्री सत्यानंद मिश्रा, नेशनल सेंटर फार गुड गवर्नेंस नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ. ज्ञानेन्द्र बड़गैईया, छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सुधार आयोग के सलाहकार श्री चन्द्रहास बेहार, मध्यप्रदेश राज्य योजना आयोग के मुख्य सलाहकार डॉ. राजेन्द्र मिश्रा, राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान फरीदाबाद के निदेशक सुश्री मीना अग्रवाल अऊ नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी नई दिल्ली के प्रोफेसर श्री एन.के. भानुमूर्ति घलोक उपस्थित रहिन। छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग के सदस्य श्री पी.पी. सोती ह संगोष्ठी के आखरी म आभार प्रकट करिन।

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