- सबो विभाग मन ल सरकारी खरीदी बर सबले पहिली भारत सरकार के ’जेम’ वेबसाइट के उपयोग करे के सलाह
- जेम वेबसाइट म 40 हजार ले जादा पंजीकृत कमइया
- 31 हजार ले जादा प्रोडक्ट अऊ 17 प्रकार के सेवा सामिल

वाणिज्य अऊ उद्योग विभाग के अधिकारी मन ह आज इहां बताइस कि ए वेबसाइट के उपयोग ले सरकारी खरीदी म परम्परागत टेंडर विधि के तुलना म वस्तु मन के कीमत म कमी आही, काबर कि येमां देश के सबो राज्य मन के विक्रेता मन के पंजीयन होवत हे। जेम के उपयोग बर वाणिज्य अऊ उद्योग विभाग कोति ले पाछू महीना के पांच तारीक ले भण्डार क्रय नियम 2002 म संशोधन बर जारी अधिसूचना म बताए गए हे कि ए नियम के परिशिष्ट एक म सामिल अइसन वस्तु जेकर दर अऊ विशिष्टता भारत सरकार के डीजीएसएण्डडी के ’जेम’ वेबसाइट म देवाए हे, ऊंखर लिए छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सीएसआईडीसी) कोति ले नवा रेट कॉन्ट्रेक्ट नइ करे जाए, फेर सरकारी विभाग मन, सार्वजनिक उपक्रम मन, निगम मन, मंडल मन, जिला अऊ जनपद पंचायत अऊ नगरीय निकाय मन म इलेक्ट्रॉनिक अउ सूचना प्रौद्योगिकी सामान के खरीदी ले संबंधित नीति, नियम अऊ प्रक्रिया अउ जरूरी होए म दर निर्धारण कार्य राज्य सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स अउ सूचना प्रौद्योगिकी विभाग कोति ले करे जाही। एखर बर सामान के सूची के निर्धारण घलोक इलेक्ट्रॉनिक्स अउ सूचना प्रौद्योगिकी विभाग कोति ले करे जाही। भण्डार क्रय नियम 2002 के नियम 4.3.1 के आखरी लकीर म पांच हजार रूपिया अंकित हे, जऊन ल बढ़ाके दस हजार रूपिया कर दे गए हे। नियम 4.3.2 के दूसर लकीर म रूपिया 5001 ले रूपिया 50 हजार अंकित हे, जऊन ल बढ़ाके रूपिया 10001 ले एक लाख रूपिया कर दे गए हे।
फेर अइसन वस्तु जेकर दर अऊ जेकर विशेषता मन भारत सरकार के जेम वेबसाइट म हवय, उंखर खरीदी क्रेता विभाग कोति ले अपन जरूरत के अनुसार सीधा जेम वेबसाइट के माध्यम ले करे जा सकही, फेर अइसन खरीदी बर क्रेता विभाग ए वेबसाइट म संबंधित सामान के तकनीकी स्पेशिफिकेशन के परीक्षण, बेचइया के साख अऊ सबले कम मूल्य (एल-वन) के निर्धारण खुद करहीं। नियम 4.3.3 म जिहां निविदा के अनुमानित मूल्य 50001 ले रूपिया दो लाख लिखे हे, ओला बढ़ाके 100001 ले दो लाख कर दे गए हे, फेर नियम 4.3.3 के बाद ये वाले संशोधन करे गए हे कि अइसन वस्तु जेकर दर अऊ विशेषता भारत सरकार के जेम वेबसाइट म हवय, उंखर खरीदी खुले निविदा पद्धति या ए वेबसाइट म देहे ई-बिडिंग या रिवर्स ऑक्शन के प्रक्रिया ले जरूरत के अनुसार करे जा सकही। पूरा जानकारी बर वाणिज्य अऊ उद्योग विभाग के अधिकारी मन ले सम्पर्क करे जा सकत हे।