संयुक्त राष्ट्र म खांटी जानकार मन ह कहिन : हर धर्म ले परे हे योग

संयुक्त राष्ट्र, 22 जून (भाषा) अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर म जाने माने हस्ती मन ह इहां कहिन कि योग, हर धर्म ले परे हे अऊ एखर से केवल शारीरिक अउ भावनात्मक लाभ भर नइ मिलय बल्कि ये विश्‍व के सरलग विकास अउ शांति म घलोक योगदान देथे।
संयुक्त राष्ट्र म भारत के स्थायी मिशन ह वैश्विक संस्था के मुख्यालय म कल ''कन्वर्सेशन ऑन योग फॉर हेल्थ '' उपर विशेष सत्र आयोजित करे रहिस जेमां विश्व स्वास्थ्य संगठन न्यूयार्क के कार्यकारी निदेशक नता मेनाब्दे, अभिनेता अनुपम खेर, परमार्थ निकेतन के स्‍वामी चिदानंद सरस्वती अऊ साध्वी भगवती सरस्वती समेत कई खांटी जानकार मन ह हिस्सा लीन। नता ह मनखे मन ल संबोधित करत कहिन कि योग के उपयोग ''हमार जटिल अउ मुश्किल दुनिया ल एकजुट करे बर करे जात हे। एकर उपयोग केवल स्वस्थ जीवनशैली ल प्रोत्साहित करे बर ही नहीं बल्कि दुनिया म शांति अउर सुरक्षा बर'' करे जा सकत हे। उमन कहिन कि योगाभ्‍यास ह सब बर स्वस्थ जीवन अउ कल्याण उपर ध्यान केंद्रित करइया सरलग विकास के लक्ष्य नंबर तीन ल हासिल करे म अहम भूमिका निभावत हे।
उमन योग ल जीवन के ''समग्र '' विज्ञान बताइन। उमन कहिन कि योग ''एकजुट करे वाले अवधारणा'' आए जऊन संकट के स्थिति झेलत लाखों मनखे मन बर लाभकारी हो सकत हे। उमन कहिन, ''ये सबो धरम, नस्ल अउ राष्ट्रीयता के मनखे मन बर आए काबर कि योग कोनो धरम के नो हे, योग एक जीवनशैली आए। '' साध्वी भगवती सरस्वती ह योग ल जुड़ाव अउ संपूर्णता के एक प्रणाली करार देत कहिन कि योग ह मनखे मन ल ''परिपूर्णता के एहसास कराथे''। 
अनुपम खेर ह बताइस कि योग ह ऊंखर जीवन म कइसे बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाईस। उमन कहिन कि योग ह ओ मन ल ऊंखर तीर जतका हे, वोतके म संतोस करे अऊ अपन बर सच्चा रहना सिखाए हे। 
भारतीय स्थायी मिशन ह एखर ले पहिली 20 जून के दिन घलोक संयुक्त राष्ट्र के नॉर्थ लॉन म योगाभ्‍यास अउ ध्यान सत्र आयोजित करे गए रहिस जऊन दो घंटा चलिस। ए सत्र म संयुक्त राष्ट्र दूत अउ अधिकारी मन समेत 1000 मनखे मन ह हिस्सा लेहे रहिन। एखर अलावा हजारों मनखे योगाभ्‍यास बर टाइम्स स्क्वैयर म घलोक सकलईन।

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