रायपुर। सांस्कृतिक स्रोत्र एवं प्रशिक्षण केंद्र उदयपुर, राजस्थान में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला एन ई पी 2020 के अनुरूप शिक्षा में कठपुतली की भूमिका, का आयोजन किया गया था जिसमें 13 राज्यों के 90 शिक्षकों ने भाग लिया 15 दिनों की कार्यशाला में बेमेतरा की अर्पणा शर्मा ने भी शिरकत की।
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक छटा बिखेरते हुए छत्तीसगढ़ की 13 सदस्यों की टीम के रंगारंग कार्यक्रम ने समां बांध दिया। कार्यक्रम की शुरुआत राज्य गान से हुई । छत्तीसगढ़ से संबंधित जानकारी अर्पणा शर्मा , उमेश ठाकुर , नीलकंठ यादव व अंजलिना पीटर के द्वारा विभिन्न परिपेक्ष में दी गई जिसमें छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति, आदिवासी संस्कृति, राजकीय पशु वन भैसा, पक्षी – पहाड़ी मैना, महानदी, विभिन्न जिलों में जनसंख्या का लैंगिक अनुपात, विभिन्न धर्मो के ऐतिहासिक व पर्यटन धार्मिक तीर्थ स्थल जैसे चंदखुरी में माता कौशल्या मन्दिर, बाल्मीकि आश्रम तुर्तुरिया, दंडकारण्य बस्तर, शिवरी नारायण मन्दिर, सिरपुर का गंधेश्वर महादेव ,बौद्ध स्तूप व एशिया का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा चर्च ‘ रोजरी की महारानी महागिरजाघर की जानकारी दी गई।
शैक्षणिक हब के अंतर्गत विभिन्न विश्वविद्यालयों जिसमें इंदिराकला संगीत वि वि, गुरु घासीदास सेंट्रल वि वि, प सुंदरलाल शर्मा ओपन वि वि, मोहमद हिदायतुल्ला लॉ वि वि, एम्स, एन आई टी, ग्यारह मेडिकल कॉलेज की जानकारी से रूबरू कराया गया. संगीत के कलाकार पद्मश्री तीजन बाई, झाडुराम देवांगन, पुनाराम निषाद, देवदास बंजारे, ममता चंद्रकर कविता वासनिक के संगीत मे योगदान व कला के विभिन्न रूपों व क्षेत्रीय त्यौहार तीजा पोरा, हरेली, गौरा गौरी, छेरछेरा, राजिम मेला,परंपरा से संबंधित नृत्य-संगीत कर्मा, ददरिया, सुआ, गेड़ी, राउत नाचा की जानकारी के साथ खनिज व कारखानों जैसे भिलाई इस्पात संयंत्र, नेशनल थर्मल पावर को- ऑपरेशन कोरबा की जानकारी समस्त भारत से आए शिक्षकों के मध्य साझा की गई. छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह, पंडित रविशंकर शुक्ल जी, ठाकुर प्यारे लाल, पंडित सुंदरलाल शर्मा, वामन राव लाखे जी के विषय में तथा नामी खिलाडियों अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज सानंद सलिल मित्रा, हॉकी खिलाड़ी सबा अंजुम, मुक्केबाज राजेंद्र प्रसाद (जिन्हें अर्जुन पुरस्कार मिला), और क्रिकेटर अमनदीप खरे शामिल हैं। महिला हॉकी खिलाड़ी सबा अंजुम को पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया है, की भी जानकारी दी गई. छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों ठेठरी, खुर्मी, अनरसा, सलोनी के स्वाद का आंनद कराते हुए बनाने की विधि भी बताई गई. कर्मा, सुआ,राउत नाचा, आदिवासी नृत्य के प्रदर्शन से श्रोता झूम उठे कार्यक्रम के अंत में ‘ पढ़ेला जाबो रे’ गीत गाया गया, जिसने खूब तालियां बटोर।
बेमेतरा से अर्पणा शर्मा
अंजलिना पीटर – रायपुर
निशा अग्रवाल- कोरबा, उमेश ठाकुर, दिलेश्वरी देवांगन- कवर्धा
नीलकंठ यादव- महासमुंद
प्रिया सिंह- सरगुजा
धमतरी से पूर्णिमा मजुमदार, स्नेहलता कुर्रा, योगेश्वरी ध्रुव, नरेंद्र साहू, टीकराम कुंजाम, मेनका सिन्हा ने उदयपुर मे अपनी शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
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