किडनी में जरा सी परेशानी हमारे लिए मुश्किलों का सबब बन सकती है। आपको बता दें कि आपकी ये चार खराब आदतें आपकी किडनी पर हानिकारक प्रभाव डालती है और महिलाएं व पुरुष दोनों ही ये गलत आदतों के शिकार हैं।
ह्रदय, लिवर जैसे सबसे जरूरी अंगों के समान ही हमारे शरीर का एक सबसे जरूरी अंग किडनी भी है, जो बॉडी से विषाक्त पदार्थों को छानकर पेशाब के जरिए बाहर निकालने का काम करती है। मौजूदा वक्त में ज्यादातर लोग डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी, खराब जीवनशैली और दवाओं के कारण किडनी की समस्या से जूझने के लिए मजबूर हैं। शायद आप न जानते हों कि डायबिटीज और ब्लड प्रेशर किडनी खराब होने के सबसे बड़े कारण साबित होते हैं। किडनी हमारे लिए भी जरूरी है क्योंकि शरीर के अंदर जितने भी विषाक्त पदार्थ बनते है उन्हें फिल्टर करने का काम किडनी ही करती है और अगर ये विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर न निकाले जाएं तो हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। किडनी में जरा सी परेशानी हमारे लिए मुश्किलों का सबब बन सकती है। आपको बता दें कि आपकी ये चार खराब आदतें आपकी किडनी पर बुरा प्रभाव डालती है और महिलाएं व पुरुष दोनों ही ये गलत आदतों के शिकार हैं। इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि ये चार चीजें आपकी किडनी के लिए धीमा जहर साबित हो रही है। अगर आप इन चीजों का सेवन बंद कर दे या इन आदतों को सुधार लें तो आप अपनी किडनी को बचा सकते हैं।
किडनी के लिए धीमा जहर हैं ये 4 चीजें-
पेन किलर लेना
अक्सर आपने देखा होगा कि शरीर के किसी हिस्से में दर्द होने पर हम दर्द निवारक गोलियां या फिर पेन किलर ले लेते हैं, जो हमारे शरीर को उस वक्त तो आराम पहुंचाती है लेकिन कभी भी इसे अपनी आदत न बनाएं। बिना डॉक्टर की सलाह के यू हीं दर्द निवारक गोलियों का सेवन विशेष रूप से महिलाओं में किडनी फेल होने का कारण बन सकता है। अगर आप लंबे समय तक नियमित रूप से इस प्रकार की दवाओं का सेवन करते हैं तो किडनी में समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है।
धूम्रपान
धूम्रपान मौजूदा वक्त में लोगों की एक सबसे खराब आदत बन चुका है। महिलाएं हो या पुरुष दोनों ही इस लत से परेशान है या यू कहें कि दोनों ही इसके शौकीन हैं। वर्तमान में कम उम्र के युवा भी सिगरेट, बीड़ी और तंबाकू की चपेट में हैं। इस बात का अंदाजा सभी को है कि जब सिगरेट और बीड़ी का धुआं आपके शरीर में प्रवेश करता है तो इसके जहरीले तत्व आपके फेफड़ों के माध्यम से आपके रक्त में घुल जाते हैं। उसके बाद जब आपकी किडनी आपके ब्लड को फिल्टर करती है तो इन जहरीले तत्व को फिल्टर करने में किडनी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जब रक्त सही से फिल्टर नहीं हो पाता तो किडनी में दिक्कत आना शुरू हो जाती है। इस कारण से धूम्रपान आपकी किडनी के लिए धीमा जहर साबित होता है।
मीठी चीजों का सेवन
अगर आपको बहुत ज्यादा मीठा खाने की आदत है तो अब वक्त आ गया है कि अपनी इस आदत को सुधारे। ज्यादा मीठा खाने से आपके शरीर में सोडियम और शुगर का स्तर बढ़ने लगता है, जिसके कारण किडनी को इन्हें फिल्टर करने के लिए अतिरिक्त दबाव झेलना पड़ता है। इसी कारण आपकी किडनी में परेशानियां सामने आनी लगती है और धीमे-धीमे किडनी खराब होने लगती है।
ज्यादा मसालों-नॉन वेज का सेवन
मौजूदा दौर में लोगों को चटपटा खाने का बहुत शौक है फिर चाहे उसके मसाले भले ही आपके स्वास्थ्य को नुकसान क्यों न पहुंचाते हों। ये न सिर्फ आपके स्वास्थ्य पर बल्कि आपकी किडनी को भी बुरी तरीके से प्रभावित करते हैं। इतना ही नहीं ज्यादा मात्रा में मांस, मछली और चिकन खाना या फिर इनका लगातार सेवन आपकी किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए आप इनके बजाए ताजे फलों और हरी सब्जियों के सेवन की आदत डालें ताकि आपकी किडनी स्वस्थ रहे।
किडनी खराब होने के लक्षण हाथ पैरों व आंखों के नीचे सूजन। कमजोरी। थकान। शरीर में खुजली। बार-बार यूरीन आना। भूख न लगना या कम लगना। उल्टी व उबकाई आना। पैरों की पिंडलियों में खिंचाव ।
किडनी खराब होने के लक्षण
हाथ पैरों व आंखों के नीचे सूजन। कमजोरी। थकान। शरीर में खुजली। बार-बार यूरीन आना। भूख न लगना या कम लगना। उल्टी व उबकाई आना। पैरों की पिंडलियों में खिंचाव ।
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए प्रभावी तरीके:
फिट और सक्रिय रहे नियमित रूप से एरोबिक व्यायाम और दैनिक शरीरिक गतिविधियाँ, रक्तचाप को सामान्य रखने में और रक्त शर्करा को नियंत्रण करने में मदद करती हैं। इस तरह शरीरिक गतिविधियाँ, मधुमेह और उच्च रक्तचाप के खतरे को कम कर देती है और इस प्रकार सी. के. डी. के जोखिम को कम किया जा सकता है।
2. संतुलित आहार
ताजे फल और सब्जियों युक्त आहार लें। आहार में परिष्कृत खाघ पदार्थ, चीनी, वसा और मांस का सेवन घटाना चाहिए। वे लोग जिनकी उम्र 40 के ऊपर है, भोजन में कम नमक लें जिससे उच्च रक्तचाप और किडनी की पथरी के रोकथाम में मदद मिले। वजन नियंत्रण रखें स्वस्थ भोजन और नियमित व्यायाम के साथ अपने वजन का संतुलन बनाए रखें। यह मधुमेह, ह्रदय रोग और सी.के.डी. के साथ जुड़ी अन्य बीमारियों को रोकने में सहायक होता है।
ओ.टी.सी. दवाओं से सावधान (ओवर द काऊंटर)
लम्बे समय तक दर्द निवारक दवाई लेने से किडनी को नुकसान होने का भी भय रहता है। सामान्यतः ली जाने वाली दवाओं में दवाई जैसे आईब्यूप्रोफेन, डायक्लोफेनिक, नेपरोसिन, आदि किडनी को क्षति पहुँचाते हैं जिससे अंत में किडनी फेल्योर हो सकता है। अपने दर्द को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर से परामर्श लें और अपनी किडनी को किसी भी प्रकार से खतरे में न डालें।
खूब पानी पीएँ रोज
3 लीटर से अधिक (10-12 गिलास) पानी पीएँ। पर्याप्त पानी पीने से, पेशाब पतला होता है एवं शरीर से कभी विषाक्त अपशिष्ट पदार्थों को निकलने और किडनी की पथरी को बनने से रोकने में सहायता मिलती है।
7. किडनी का वार्षिक चेक-अप
किडनी की बीमारियाँ अक्सर छुपी हुई एवं गंभीर होती है। अंतिम चरण पहुँचने तक इनमें किसी भी प्रकार का लक्षण नहीं दिखता है। किडनी की बीमारियों को रोकथाम और शीघ्र निदान के लिए सबसे शक्तिशाली पर प्रभावी उपाय है नियमित रूप से किडनी का चेक -अप कराना। पर अफ़सोस है की इस विधि का उपयोग ज्यादा नहीं होता है। किडनी का वार्षिक चेक -अप कराना, उच्च जोखिम वाले व्यक्ति के लिए बहुत जरुरी है, जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापे से ग्रस्त हैं और जिनके परिवार में किडनी की बीमारियों का इतिहास है। अगर आप अपनी किडनी से प्रेम करते हैं और अधिक महत्वपूर्ण है, तो 40 वर्ष की आयु के बाद नियमित रूप से अपने किडनी की जाँच करवाना मत भूलिये। किडनी की बीमारी और उसके निदान के लिए सबसे सरल विधि है की साल में एक बार रक्तचाप का माप लेना, खून में क्रीएटिनिन को मापना और पेशाब परीक्षण करवाना।
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