राष्ट्रपति कोविंद ने गुरुवार देर रात बिल पर हस्ताक्षर कर दिए जिसके बाद नागरिकता कानून, 1955 में संबंधित संशोधन हो गया। इससे तीन पड़ोसी इस्लामी देशों- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत की शरण में आए गैर-मुस्लिम धर्मावलंबियों को आसानी से नागरिकता मिल सकेगी।